अब भी तेरा है…

अब भी तेरा है…

हृदय के किसी कोने में,
निवास अब भी तेरा है,
किसी धमनी या किसी शिरा में,
बहता नाम अब भी तेरा है,
हर श्वास में आती जाती हवा,
उस हवा में एहसास अब भी तेरा है,
धक-धक की सी ध्वनि हृदय की,
वो आवाज़ अब भी तेरा है,
मैं एकांकी, विचार शून्य सा,
प्रेमाकुल यह चातक अब भी तेरा है,
ना विस्मरण तुझे हो,
मैं और मेरा यह प्राण अब भी तेरा है।।

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