जरूरी हो गया है…

जरूरी हो गया है…

बहुत गम है, चहरो पर मुस्कान कम है;
दिल खोलकर एक कहकहा लगाना जरूरी हो गया है।।

लाख कोशिशों पर भी ये मंजर नही बदलता,
लगता है खुद बदल जाना जरूरी हो गया है।।

हमने जंगल के जंगल तबाह कर दिए,
कुदरत को लगा, की इंसाफ करना जरूरी हो गया है।।

जिंदगी के मायने अब समझ आएंगे तुम्हे,
की क्यों पेड़ लगाना अचानक जरूरी हो गया है।।

परेशान है इंसानियत तमाम हलकों में,
अब हम सबका इंसान हो जाना जरूरी हो गया है।।

Comments are closed.