तुम्हे बताए कैसे?
अपनी ही चीजों पर हक जताए कैसे,
तुमसे मोहब्बत है, तुम्हे बताए कैसे।।
हर कोई देख रहा है, घिरे है हर तरफ से,
इस महफिल में दिल की बात, तुम्हे बताए कैसे।।
चोट जिस्म पर होती तो बता भी देते,
दिल पर लगे घाव, तुम्हे बताए कैसे।।
की आरज़ू तो अब भी रखते है, उन्हें पाने की,
उन टूटे हुए सपनो कि दास्ता, तुम्हे बताए कैसे।।
ये अकसर होता है, हम शब भर जागते है,
क्या कारण है कि नींद नहीं आती, तुम्हें बताए कैसे।।
तुम्हे दुआ में मांगा तब भी हम एक अदब में थे,
हमपर तब जो बीती है, तुम्हे बताए कैसे।।