यह देश हम सबका है..

यह देश हम सबका है..

तुम्हारे इस उत्पात में,
तुम्हारा अज्ञान, तम, राजनैतिक स्वार्थ,
सब समाहित है,
तुम्हारे इस राष्ट्र – द्वेष में,
तुम्हारा ही अहित समाहित है।।1।।

किस बात का दंभ तुम्हे,
व्यर्थ ही का है घमंड तुम्हे,
मिले समय तो, इतिहास का दर्पण देखो,
अपने जग – उपेक्षित पूर्वजों का ध्यान करो,
जिस भूमि ने आश्रय दिया, उसका तो लिहाज करो।।2।।

सरहद पार से आए आदेशो का,
शब्दशः अनुपालन जो करते,
इंकलाब के नारों पर, जो झंडा पाक का फैराते,
इस फूलों की बगिया में, येसे बबूल ना फलने देगे,
संघर्ष तो बस इसी बात का है।।3।।

जब तुम्हारे मन में भेद नहीं,
तो यह भय किस बात का है?,
यह देश हम सबका है, मेरा और आपका है,
रामप्रसाद – अशफ़ाक, विवेकानंद और कलाम का है,
राम – रहीम, कबीर और तुलसीदास का है,
पर यह देश ना की अफ़ज़ल और कसाब का है।।4।।

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