रातभर जागकर भी..
रातभर जागकर भी, मैं क्या जागता हूं, जिंदगी आगे और मैं पीछे भागता हूं, कुछ है भी, कभी कुछ भी नहीं है, रास्ता है बस, कोई मुकाम थोड़ी है।। वक्त ने बोहत कम आका था हमे, अपनी बुराईयों का पता था हमे, तुम आओ और तारीफ करो हमारी, तुमसे ऐसी, कोई गुज़ारिश थोड़ी है।। सब पता है हमे, की करना क्या है? फिर सोचता हूं की ये मसला क्या है? हम ही काफी है, हमे बरबाद करने को, हमे किसी…